सप्लाई को कंट्रोल रूम स्थापित, सरपंचों को पंचायत फंड के इस्तेमाल की छूट

चंडीगढ़
कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो)
  • फल, सब्जियों, दूध आदि के वाहनों की आवाजाही होगी सुनिश्चित।
  • कंट्रोल रूम के दो मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी भी हुई जारी।
  • 7986164174, 9877937725 और ई-मेल fruit.veg.control@punjab.gov.in
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से सप्लाई चेन में किसी तरह का व्यवधान न आने देने के उद्देश्य से राज्य में एक कंट्रोल रूप स्थापित कर दिया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कंट्रोल रूम को फल, सब्जियां, दूध व डेयरी उत्पाद और अन्य जरूरी सामान ले जाने वाले वाहनों और फूड व मिल्क प्रोसेसिंग उद्योग तक कच्चे माल व पैकिंग सामग्री पहुंचाने के अलावा तैयार खाने-पीने की वस्तुएं रिटेलर व उपभोक्ताओं तक ले जाने वाले वाहनों की अंतराज्यीय आवाजाही को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

कंट्रोल रूम पशुओं के चारे, खाद्य पदार्थ और ईंधन जैसे कोयले की आवाजाही को भी सुनिश्चित करेगा। प्रवक्ता ने बताया कि बागवानी विभाग के सचिव गगनदीप सिंह बराड़ कंट्रोल रूम का नियंत्रण संभालेंगे। वे फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय के साथ संपर्क कायम रखने के लिए राज्य सरकार के नोडल अधिकारी भी होंगे। प्रवक्ता ने बताया कि कंट्रोल रूम के इंचार्ज अधिकारी सप्लाई चेन में रुकावट आदि दूर करने के लिए राज्य और इससे बाहर प्रशासनिक अधिकारियों, ट्रांसपोर्ट और पुलिस के साथ तालमेल करेंगे। यह कंट्रोल रूम सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक और अगले आदेश तक काम करेगा।

कंट्रोल रूम में इन अफसरों की भी नियुक्ति
मंडी बोर्ड के चीफ इंजीनियर हरप्रीत सिंह बराड़ (9817091234) को कंट्रोल रूम का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है जबकि अन्य अधिकारियों में जीएम प्रोजेक्ट जीएस रंधावा (9876603411), जीएम फाइनेंस मुकेश जुनेजा (9646300190), सीजीएम सिकंदर सिंह (9814015088), चीफ इंजीनियर बीएस धनोआ (9988870414), डीजीएम इनफोर्समेंट सुखबीर सिंह सोढी (9814038537) और डीजीएम इस्टेट परमजीत सिंह (9646016163) को भी कंट्रोल रूम में लगाया गया है। इन सभी अधिकारियों को तुरंत ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा गया है। इन अधिकारियों के साथ पंजाब मंडी बोर्ड के कुछ अन्य अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं।

सरपंचों को कर्फ्यू राहत के लिए पंचायत फंड के इस्तेमाल की छूट
पंजाब सरकार की ओर से कोविड-19 की जांच और क्वारंटीन की सुविधा स्थापित करने के साथ-साथ कर्फ्यू के दौरान राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए सरपंचों को इमरजेंसी राहत व गरीबों की जरूरतों के लिए पंचायत फंड के इस्तेमाल का अधिकार दे दिया। सरपंचों को पंचायत फंड से रोजाना 5000 रुपये खर्च करने का अधिकार दिया गया है और वे अधिकतम 50000 रुपये तक खर्च कर सकते हैं।

इसके अलावा सरपंचों को संबंधित गांव में मेडिकल इमरजेंसी की हालत में रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू पास या पत्र जारी करने के लिए भी अधिकृत किया गया है ताकि जरूरतमंद व्यक्ति डॉक्टर या अस्पताल तक जा सकें। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह पहलकदमी सरकार की गांव तक प्रदेश के अधिक से अधिक लोगों को राहत देने के लिए शुरू की गई है ताकि कोविड-19 के संकट के दौरान कर्फ्यू के कारण लोगों को हो रही परेशानियां कम हो सकें।

मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के टेस्टों की जांच को ओर तेज करने के आदेश दिए। बीते दो दिनों में 233 सैंपलों की जांच की गई, जिनमें सात टेस्ट पॉजिटिव पाए गए। इस तरह प्रदेश में अब तक टेस्ट किए सैंपलों की संख्या 789 हो गई है, जिनमें से 38 पॉजिटिव और 480 नेगेटिव पाए गए हैं जबकि 271 की रिपोर्ट आनी बाकी है।

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